सांवरे के रहते क्यों घबराता है,
भावो के आंसू तू क्यों न चरणों में बहाता है,
सांवरे के रहते क्यों घबराता है,
आंसू की भाषा ये जानता है,
अपने पराये को पहचानता है,
आंसू की धारा में बह जाता है,
सांवरे के रहते क्यों घबराता है,
नरसी सुदामा ने बात बताई,
आंसू के बदले मिलती कन्हाई,
बिन मांगे सब कुछ मिल जाता है,
सांवरे के रहते क्यों घबराता है,
जिसने दो आंसू दर पे गिराए,
पलकों पे उसको होने बिठाये,
बिगाड़ा नसीबा सवर जाता है,
सांवरे के रहते क्यों घबराता है,
मंदिर में इनके जब जब मैं आया,
ठाकुर से अपने नैना मिलाया,
शाम कहे दिल मेरा भर आता है,
सांवरे के रहते क्यों घबराता है,