मैनु कमली बनाके श्याम तेरे हाथ विच की आया,
तेरे हाथ विच की आया,तेरे हाथ विच की आया,
मैं मखन ले आयी सी तू आके खा लेंदा,
नाले मिश्री ले आयी तू भोग लगा लेंदा,
मेरी मटकी गिराके श्याम,तेरे हाथ विच की आया
मैनु कमली........
वृन्दावन आयी सी तू कोल बैठा लेंदा
जग दी ठुकराई सी तू अपना बना लेंदा
मैनु तडपाके श्याम,तेरे हाथ विच की आया
मैनु कमली......
मैं प्रीत लगायी सी तू तोड़ निभा लेंदा
तेरे दर मैं आयी सी तू दर्श देखा देंदा
मैनु दर्श ना देखा के श्याम,तेरे हाथ विच की आया
मैनु कमली.....
मैं रंग ले आयी सी तू गुलाल उड़ा लेंदा
वृन्दावन आयी सी तू फाग उड़ा लेंदा
मेरे रंग नु गिराके श्याम,तेरे हाथ विच की आया
मैनु कमली.....