तरज़:-श्याम चुड़ी बेचने आया
सावन में है खिली फुलवारी,फुल बंगले की
शोभा है न्यारी
राधा संग कूंज बिहारी,फुल ब़गले की
शोभा है न्यारी सावन....
1.रस भरे फुल कलियों में शबाब है,
खुशबू से भरे मोतिया गुलाब है
महकी महकी है क्या फुलवारी,
फुल बंगले की शोभा है न्यारी
सावन....
2.ब्रह्मा विष्णु दिवाने श्रृगांर के,
नर ऋषि मुनि प्यासे दिदार के
छंवि तीन लोक में प्यारी,फुल बंगले की
शोभा है न्यारी सावन....
3.युगल जोड़ी पे कुर्बां जहान है,रसका पागल
पे ये महर्बांन है
बांकीं झांकी लगे धसका प्यारी,फुल बंगले
की शोभा है न्यारी
सावन में है खिले फुलवारी,फुल बंगले की
शोभा है न्यारी
सावन....