थाम लो न हाथ मेरा सांवरे,
हार कर दरबार तेरे आया हु,
जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा,
मन में ये विश्वाश लेकर आया हु,
थाम लो न हाथ मेरा सांवरे,
बदलती रंग ये दुनिया प्रार्थी हो नसीयत का,
समज न पा रहा हु मैं दिखावा क्या हकीकत क्या,
हर कदम पे ठोकरे दी संसार ने,
गम की ये सौगात तेरे आया हु,
जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा...
अगर तुम न सुनो गे तो बता किस दर पे जाउगा,
भरोसा जो यहाँ टुटा तो मैं भी टूट जाउगा,
गम के हाथो से हुआ बीमार मैं वेद तू उपचार को मैं आया हु,
जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा,
दया निधि नाम है तेरा दया याचक हु मैं बाबा,
सताये उलझाने मुझको मेरा रक्षक है तू बाबा,
सौंप दे पतवार गोलू श्याम को डूबती नइयां लिए मैं आया हु,
जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा,