श्याम धणी थारी मैहर छै जी
ईत का आवा थारे द्वार
भजन सुनावा जी बाबा थाणे चाव सु,
सेवा करा थारी इब का गावा मंगला चार
सब थारी सेवा को परशाद बाबा श्याम जी
मोर मुकट मुखड़ो सोवो जी थारे कुंडल सोवे कान
पेहरो थे भागो घेर घुमेर शोभा चोगुनी जी
थारे तो एक पल री देर छे जी दुखिया बादलिया छट जाए
रिम जिम बरसे जी सुख रो मेवड़ो जी
सगला भगता री आही विनती जी मासु बनी राख जो प्रीत
घनी घनी राखो जी दया म्हारा श्याम जी