बरसाए श्याम खुशियों की झड़ी
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी
करती है भक्तों पे मैहर बड़ी
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी
यूँ ही नहीं इसकी ये दुनिया दीवानी
कुछ ना तो कुछ है इसकी कहानी
सबकी ही नज़रों में सांवरे चढ़ी
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी
हर काम भक्तों का पल में बनादे
भक्तों के कष्टों को पल में मिटा दे
दूर करे विपदा ये बड़ी से बड़ी
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी
मोरछड़ी तेरी श्याम सबसे निराली
जिसपे मेहर करे उसकी दिवाली
शर्मा की खाली झोली पल में भरी
जब जब घूमे बाबा थारी मोरछड़ी
बरसाए श्याम ...........