तमना इतनी जिस दिन भी निकले हो प्राण ओ बाबा,
मेरे हाथो में तुम्हारा ये निशान हो बाबा,
खाटू वाले जिस दिन मैं दरबार में आया,
खाटू वाले जिस दिन ये निशान चढ़ाया,
हमने करदी जिंदगानी तेरे नाम ओ बाबा,
तमना इतनी जिस दिन...........
नाजरा देखा जिस दिन से तेरे दरबार का,
फीका लागे नजारा सारे संसार का,
प्यारा लागे हमें खाटू धाम ओ बाबा,
तमना इतनी जिस दिन.......
नशा भक्तो पे है श्याम तेरा इतना चढ़ जावे,
तेरे भगतो को इ श्याम ऐसी आद्दत पड़ जाए,
हमेशा निकले जुबा से जय श्री श्याम ओ बाबा,
तमना इतनी जिस दिन.......
हमेशा सिर पे तुम्हारा ये निशान लहराए,
और बनवारी एक दिन तू मेरे साथ आये,
बैठ नीले पे और मोर छड़ी को थाम हो बाबा
तमना इतनी जिस दिन............