खाटू में जब से पाँव पड़े हैं,
मेरे घर के आगे श्याम खड़े हैं।।
दुखड़ो को देखे जमाना है बिता,
वरना बताओ कैसे मैं जीता....-2
जो उलझे थे धागे सुलझने लगे है,
मेरे घर के आगे श्याम खड़े हैं,
खाटू में जब से पांव पड़े हैं.......
मतलब के साथी तुम्हे हो मुबारक,
तुम्हारी बदौलत मैं आया यहाँ तक....-2
की खाटू से जबसे रिश्ते जुड़े है,
मेरे घर के आगे श्याम खड़े हैं,
खाटू में जब से पांव पड़े हैं.....
मुसीबत जो आए दूर से देखे,
दिल को मसो से हाथों को मसले....-2
पवन के तो घर पे पहरे खड़े है,
मेरे घर के आगे श्याम खड़े हैं,
खाटू में जब से पांव पड़े हैं,
मेरे घर के आगे श्याम खड़े हैं।।