मुझे श्याम तेरा सहारा ना होता,
तो दुनिया में मेरा गुजरा न होता,
जीने को जीते थे प्रभु मर मर के जीते थे,
मजबूरी में मेरे दिन रात रो रो कर बीते थे,
रो रो के तुझको पुकारा न होता,
तो दुनिया में मेरा ...............
दरबार में आकर के श्याम मेरा वक़्त गुजर जाता है,
सुनता हु तेरे दर पे बुरा सा बुरा सुधर जाता है,
कर्मो के मेरे तुमने सुधारा ने होता,
तो दुनिया में मेरा ..................
नलायक पर भी श्याम प्रभु किरपा बरसते हो,
स्वार्थ की दुनिया में तुम्ही प्रेम दिखाते हो,
संजू की और तुमने निहारा न होता