कहा छुपे हो मुरली वाले ओ मुरली वाले,
तुम बिन जीना भी क्या जीना आकर गले लगा ले,
याद तुम्हारी जब जब आये नैना थर थर नीर वहाये,
इस दिल की मज़बूरी समजो दिल में वसने वाले,
कहा छुपे हो मुरली वाले ओ मुरली वाले,
तुम बिन जीना भी क्या जीना आकर गले लगा ले,
हाल हमारा कोई न जाने किसको जाकर लगे सुनाने,
आकर मेरे कष्ट मिटादो दुनिया के रखवाले,
कहा छुपे हो मुरली वाले ओ मुरली वाले,
तुम बिन जीना भी क्या जीना आकर गले लगा ले,
तुमसे बिछड़े हुए जमाने बोल कहा पर तेरे ठिकाने,
यहाँ तो मेरे सामने आजा यह मुझको ही बुलाले,
कहा छुपे हो मुरली वाले ओ मुरली वाले,
तुम बिन जीना भी क्या जीना आकर गले लगा ले,