रंग रंगीला छैल छबीला सवारियां सरकार,
विनती बाराम बार करू मैं आ जाओ एक बार,
एक झलक दर्शन की देदो और न कुछ मैं चाहु,
उम्र बितादू इन चरणों में तेरा गन बस गाउ,
बांसुरियां की तान सुना दे मैं उस में खो जाऊ,
सोना चांदी धन दौलत की मुझको नहीं दरकार,
विनती बाराम बार करू मैं आ जाओ एक बार,
जीवन देने वाले आज क्यू न प्रीत निभाए,
तुझको पाने भक्तो की याद कभी ना आये,
रह ना सकती तेरे बिना बा कैसे तुम्हे समजाए,
रंग सभी फीके है तुझ बिन फीके है ये मनोहर,
विनती बाराम बार करू मैं आ जाओ एक बार,
ऐसा लागे जन्म जनम का रिश्ता तेरा मेरा,
श्याम तुझपे ही ख़त्म करू और तुझपे ही हो सवेरा,
चार दिनों की ये ज़िंदगानी चार दिनों का बसेरा,
तू जो नहीं तो लेहरी अपना जीना है बेकार,
विनती बाराम बार करू मैं आ जाओ एक बार,