वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,
दीवानी मुझे कर गया कैसे नैनो से नैना मिला,
वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,
एक झलक तो देखि उसकी लट गुगराली नज़ारे तिर्शी,
घायल मुझे कर गया,कैसे मंद मंद मुस्काये,
वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,
नींद भी खोई चैन भी खोया दिल मेरा दीवाना होया,
रात दिन सोवत और जगत तेरी ही याद सताए ,
वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,
सँवारी सूरत फिर दिखला जा एक बार तो मुड़ के आजा,
देखे बिन तुजे नैन हमारे चैन कही न पाए,
वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,
तेरी अदा ने ऐसा लुटा घर संसार भी मेरा छूटा,
छूट जाये सारी दुनिया तेरा दामन छूट ना जाये,
वो देखो चोर हरी मेरा मन ले गया चुरा,