धीरज रख वो रेहमत की वर्षा बरसा भी देगा,
जिस साई ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
तोड़ कभी ना आस की डोरी खुशियां देजा भर भर भोरी,
मगर वो गम की परछाई से तुजे डरा भी देगा,
जिस साई ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
जिसके हाथ में सबकी रेखा उसकी और जिसने भी देखा,
सही समय पर मद्धम कारा वो चमका भी देगा,
जिस साई ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
मांग में भर बिंदिया से पहले,
नाम वही निंदिया से पहले,
एक दिन वो तेरी आशा को एक चेहरा भी देगा,
जिस साई ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,
बढ़ जाएगी हिम्मत तेरी घटे गई जब गणगौर अँधेरी,
बूंद बूंद तरसने वाला जाम पिला भी देगा,
जिस साई ने दर्द दिया है वही दवा भी देगा,