मिलता है मुकदर से ये दरबार देखिये,
आली जहा पे शिरडी की सरकार देखिये,
एहसान जिस पे करदे बड़ा नाम हो उसका,
सारे ज़माने भर में फिर नाम हो उसका,
तुम कर के जहां वालो इतवार देखिये,
आली जहा पे शिरडी की सरकार देखिये,
जिसको निवाजे साई उसकी बात निराली,
दवा है इनके दर से जाये न खाली,
फैला के अपना दामन एक बार देखिये,
आली जहा पे शिरडी की सरकार देखिये,
मेरा नसीब जागा है काजी जबुत,
मैं शिरडी वाले साई के दर का फ़कीर हु,
मुझको मिली है खुशिया बेशुमार देखिये,
आली जहा पे शिरडी की सरकार देखिये,