शिरडी के साई तुम को दुखिया पुकारे,
किरपा की नज़रे करदो साई हमारे,
नैया हमारी अब तो पार लगा दो,
सूजे न राह कोई राह दिखा दो,
झोली कहा पे बाबा मांगता पसारे,
बिगड़ा नसीबा साई मेरा सवार दो,
गम के भवर से साई कष्ट उतार दो,
दवार ये जाए कहा हम बेसहारे,
साई तुम्हारी रेहमत सारे यहां पर,
साई दयालु तुम को प्यार का सागर,
कब से खड़े है साई दर पे तुमहरे,