साईं का चोला बड़ा मस्त मस्त है,
कैसा रंगीला छैनछबीला प्यारे रंगों से है ये सजीला,
देखे नजर हर वक़्त वक़्त है,
साईं का चोला बड़ा मस्त मस्त है,
प्यारे रंगों से एसा सजा है,
ना ये गुलाबी नीला पिला हरा है,
इन्दर दनुष जैसी रंगत है एस में रहमत का गोटा भी इसमें लगा है,
हीरे मोती जड़े है चाँद तारे सजे है,
कैसा नुरानी है ये कितना प्यारा लगे है,
शरदा सबुरी समाई इसमें रहती समाई,
इसमें रहती खुदाई हर मनसा पूरी हुई,
जिसने भी आस लगाई,
सिर पे हमारे इसका हस्त हस्त है,
साईं का चोला बड़ा मस्त मस्त है,
साईं हमारा किना सोहना लगा है,
देखो हमारा बाबा कैसा सजा है,
साईं के चरणों में जो भी हुआ है जिसने भी भक्ति का प्याला पिया है,
वो तो दीवाना हो कर भक्ति में इसकी खो कर,
इसकी रहमत में खिया बेसुध परवाना होकर,
जिसने दीदार किया है भक्तो एक बार किया है,
रोनक हो ज़िन्दगी में उसका उधार किया है,
साईं का चोला सब सर परास्त है,
जिसने छुया साईं का ये झोला मत वाला होकर हर एक दिल ये बोला,
मेरा है मालिक मेरा है साईं दाता इसके आगे उसने हर भेद खोला,
रहमत का है खजाना इसको न भूल जाना,
इसपर सब कुछ लुटाना चाहे जब अजमाना,
येही है सबका साथी दिल से आवाज आती,
झूठे है सारे नाते दुनिया न काम आती,
सारी दुनिया देखो मतलब परास्त है,
साईं का चोला बड़ा मस्त मस्त है,