सेवा कर हे प्राणी साईं का हुकम है यही,
पूजा है यही सच्ची साईं का हुकम है यही,
मत ये सोच ये सुख तूने मेहनत से कमाए है,
निर्धन विद्वान् सभी दाता ने बनाये है,
मत कर मेरी मेरी साईं का हुकम है यही ,
सेवा कर हे प्राणी ........
सेवा के डगर पे चलते है जो चलते है उनको,
साईं सब कुछ देता तुम भी चल कर देखो,
दिन रात करू नेकी साईं का हुकम है येही,
सेवा कर हे प्राणी .....
सम्मान ब्रुज्गो का दुखियो की करे सेवा,
सेवक वाही बाबा को जी जान से है प्यारा,
उस पर है मेहर रब की साईं का हुकम है येही,
सेवा कर हे प्राणी ....
दुःख के दर्द की मारो की फरयाद सुनो भगतो,
वो देख रहा सब कुछ ये याद रखो भगतो,
साहिल सुनले तू भी साईं का हुकम है येही,
सेवा कर हे प्राणी ......