साँईं के दर पे जो आया,
जिसने जो चाहा वो पाया,
हुई है खता क्या साँईँ,
क्यों तुमने मुझको भुलाया?
साँईं राम.... साँईँ श्याम.....
दर पे साँई के जो भी आये,
दर से खाली कभी ना वो जाए,
दर से खाली कभी ना वो जाए,
झोली खाली लाये वो लेकिन,
झोली भर कर के वो लेके जाए,
साँई के दर पे जो आये......
साँईं राम.... साँईँ श्याम.....
मैं बालक साँई तेरा
दर पे अपने तू मुझको बुलाले,
गलतियाँ माफ कर दे तू मेरी,
तू गले से अपने लगा ले,
साँई के दर पे जो आये......
साँईं राम.... साँईँ श्याम.....