ओढली साई नाम की चादर ओढली,
दुनिया के रिश्तो से मैंने प्रीती तोड़ ली,
ओढली साई नाम की चादर ओढली,
चाहे मेरे अपने मुझसे ही रूठे,
अब ये चदरियाँ तन से न छूटे,
दीवारे सारी हमने दुनिया की तोड़ दी,
ओढली साई नाम की चादर ओढली,
साई कोई मेरा संगी ना साथी,
मतलब के है सारे बाराती,
जीवन की नैया साई नाम से जोड़ ली,
ओढली साई नाम की चादर ओढली,
साई दर्शन बिन कुछ नहीं भावे,
हर पल बाबा तेरी याद सतावे,
श्रद्धा और सबुरी से मैंने प्रीत जोड़ ली,
ओढली साई नाम की चादर ओढली,