साई पे भरोसा करके तो देखो कर देगा सारी दूर भलाये,
श्रद्धा से जब सिर तेरा झुकेगा बकश देगा वो सारी ख़ताये,
भावना से कभी तू आवाज दे लो शिरडी में बैठा साई पल में सुनेगा,
कलियों से भरे गा दमन तुम्हारा कष्टों के कांटे वो सारे चुने गा,
साई का इशारा जब जरा सा भी होगा गम की न रहेगी घटाए,
श्रद्धा से जब सिर तेरा झुकेगा बकश देगा वो सारी ख़ताये,
लाखो भिखारी रोज साई दर जाके हमने तो राजा बनते है देखे,
निरदोष पूजा जिसकी पका विश्वाश है वो दया साई की सो बार परखे,
साई महादानी दया का है सागर सुनता है जो सबकी है सदायें,
श्रद्धा से जब सिर तेरा झुकेगा बकश देगा वो सारी ख़ताये,