शिरडी नगर का प्यारा है नुरानी है मंजर,
बहता है यहाँ देखो रहमत का समंदर,
सारे जहा पे देखो साईं जी का राज है,
मस्ती में झूम झूम कर केहते है कलंधर,
धूम मची धूम साईं के आंगन में,
साईं तेरी धूम मची है गली गली धूम मची है,
सचाई का ज़माने को रास्ता दिखाया,
मालिक सभी का एक है साईं ने बताया,
साईं ने जलाई है महोबत की रोशनी,
सारे जहां का बिगड़ा हुआ भाग बनाया,
धूम मची धूम साईं के आंगन में....
बिगड़ी हुई तकदीर बना देते है साईं,
हर वक़्त की चाहत का सिला देते है साईं,
तू मेरी बात मान ले तू साईं दर पे चल,
वो कड़वे नीम मीठे बना देते है साईं,
धूम मची धूम साईं के आंगन में.......
आया है मेला साईं का मेले में जायेगे,
शिर्डी नगर में साईं की महफ़िल सजाये गे,
तारिक हमें तो बाबा का दीदार करना है,
बाबा की महोबत में येही गाते आयेगे,
धूम मची धूम साईं के आंगन में,
एम एस निजामी को तेरी निश्बत का सहारा,
फोरन ही मिल गया हमे कश्ती में सहारा,
सुन्दरम ने साईं तुझे दिल से पुकारा,
मस्ती में झूम झूम के कहता है दोबारा,
धूम मची धूम साईं के आंगन मे.....