विनती सुनलो मेरे साई मैं भी दर तेरे आयी,
मेरा जग में ना कोई देदो मुझको एक भाई,
विनती सुनलो मेरे साई मैं भी दर तेरे आयी,
तेरे जहा में साई कोई न मेरा कैसे बचाऊ खुद को आसरा तेरा,
मेरी लाज बचाओ जैसे दारोपती की बचाई,
विनती सुनलो मेरे साई मैं भी दर तेरे आयी,
दुनिया लुटेरी भरोसा किस पे करू,
बस में न कुछ में उठ के रोती फिरू,
मेरी झोली न भरी तो होगी जग में हसाई,
विनती सुनलो मेरे साई मैं भी दर तेरे आयी,
गम की हु मारी मुझे और न रुलाओ,
आके आख पोंछो मेरे भाई बनके आओ,
गोद ताणु किरण की गोद नीतू शिवडी की खेले छोटा सा कन्हाई,
विनती सुनलो मेरे साई मैं भी दर तेरे आयी,