तेरे एक दर्श को तरसु मेरे लखदातार,
नैना बरस रहे हैं मेरे इस दिल की सुनलो पुकार,
खाके इस जहाँ की ठोकरें मैं भटकी हर एक द्वार,
कब सुनोगे इस दिल की बातें मेरे सांवरिया सरकार………
तेरा कब तक करूँ सांवरे इंतज़ार,
है ये दर्श को दिल बेकरार,
सुनलो विनती मेरी सरकार,
सुनलो विनती मेरी सरकार…….सांवरे,
सुनलो विनती मेरी सरकार……….
मन का ये मंदिर सूना पड़ा है,
कौन जाने तुझको रोके खड़ा है,
ये मन बावरा है ज़िद पे अड़ा है,
सांवरे आके मन में समा जा एक बार,
सुनलो विनती मेरी सरकार…….सांवरे,
सुनलो विनती मेरी सरकार………..
नैनो का दीपक कहीं बुझ ना जाये,
ये जीवन की ज्योति रही टिमटिमाये,
यादें तो आती है मगर तुम ना आये,
सांवरे ज़रा मुझको भी ले तू निहार,
सुनलो विनती मेरी सरकार …….सांवरे,
सुनलो विनती मेरी सरकार…………
मेरे मन को धीरज तब तक ना आये,
तेरा दर्श जब तक मुझे मिल ना जाए,
सफल मेरा सुमिरन अगर तू बनाये,
सांवरे दिल ये दीवाना भूले ना उपकार,
सुनलो विनती मेरी सरकार …….सांवरे,
सुनलो विनती मेरी सरकार………