श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
बाबा जी कदे हमारी अर्ज सुनो न,
विनती सुनो न अरज सुनो न,
कद महारे मन की करो न,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
सारी सारी रात माहने नींद नहीं आवे,
जागु तो माहरो जी गबरवे,
कदे महारी पीड़ हारो न,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
गहरी गहरी नदियां नाव पुराणी,
सिर से ऊपर महारे चढ़ जियो पानी,
कद महाने पार करो न,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
तू सम दीन दयाल नहीं है,
मो सम दीन अनाथ नहीं है,
कद महारी मदत करो न,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
निर्बल देख दया न आवे,
काम क्रोध मध् लोभ सातवे,
कब माहरी भीड़ चडोला,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,
सोहन लाल थारी ही गन गावे,
चरण कमल में शीश निभाबे,
महारा माथा ऊपर हाथ धरो न,
श्यामा जी कदे हमारी विनती सुनो न,