चलो चलें यशोदा धाम,
सखी री बहुत सतावे श्याम।
मैया से कहेंगे, तेरा गोपाला,
कपटी छलिया मन का काला।
इससे दुखी हर गाव की बाला,
गोकुल का बदनाम, सखी री बहुत सतावे श्याम॥
नित नित मैया मोरी मटकी फोरे,
पनिया भरू मैं कैसे राह ना छोड़े।
नैनं से मोरे नैना जोड़े,
ऐसे करे यह काम, सखी री बहुत सतावे श्याम॥
छेड़ मुरलिया कहना हम को बुलाए,
हम को बुलाए के बतिया बनाए।
बरबस हम संग रास रचाए,
कर दे सुबह से श्याम, सखी री बहुत सतावे श्याम॥