रंग दे साई अपने रंग में,
ना रहे प्यास कोई मन में न रहे कोई आस मन में,
रंग दे साई अपने रंग में,
रंगा ही ना वो क्या पहचाने,
रंग का मोल रंगीला जाने,
रंगा है जो तेरी लगन में,
रंग दे साई अपने रंग में,
हर मजहब हो रंगे एक रंग,
जो भी है चल पड़े तेरे संग,
सब रंगे हुये तेरी धुन में,
रंग दे साई अपने रंग में,
तू रंग रेंज है रंग ना जाने,
किशन चुनरियाँ की पहचाने,
एहि आस धड़कन में,
रंग दे साई अपने रंग में,
इस जग से मैं जाओ तो मंसा हावी न पाउ तो,
ना रहे प्यास कोई मन में,
रंग दे साई अपने रंग में,