हो आयो रे फागण अलबेलो फिर से आ गयो,
हो लागे खाटू में फागण मेलो ,
होली सब श्याम से खेलो......
प्यारो मौसम अलबेलो,
म्हारा मनडा पे भी तो छा गयो,
हो आवे ओल्युडी रे थारी, आवे ओल्युडी,
हो आवे ओल्युडी रे बाबा, आवे ओल्युडी रे,
आयो रे फागण अलबेलो.......
हो रेहवे फागण में खुश घणो सांवरो,
हो चाला खाटू नगरिया चाला,
बाबा से मिलवा चाला,
बाबा के रंग लगावा,
दिन यो श्याम मिलन को आ गयो,
हो आवे ओल्युडी रे थारी, आवे ओल्युडी,
हो आवे ओल्युडी रे बाबा, आवे ओल्युडी रे,
आयो रे फागण अलबेलो......
फागण में कृपा लुटावे घणी सांवरो,
हो हूँ तो फागण निशान उठावा,
बाबा को नाम लिखवा,
बाबा के अर्ज़ लगावा,
हर बार खाटू म्हाने बुलावजो,
हो आवे ओल्युडी रे थारी, आवे ओल्युडी,
हो आवे ओल्युडी रे बाबा, आवे ओल्युडी रे,
आयो रे फागण अलबेलो.........
रंग थोड़ो तू भी लगा जा सांवरा,
हो रंगियो प्रेम निशान वालो,
लीलो पीलो मतवालों,
लकी पे श्याम है डालो,
फागण त्यौहार बड़ो भा गयो,
हो आवे ओल्युडी रे थारी, आवे ओल्युडी,
हो आवे ओल्युडी रे बाबा, आवे ओल्युडी रे,
आयो रे फागण अलबेलो...........