हे तम्मन्ना यही खाटू वाले प्रभु,
में जनम भर तेरे गीत गाता रहु,
सिर्फ देखा करू तेरी बांकी छवि,
और चरणों में सर को झुकाता रहु,
हे तम्मन्ना यही खाटू वाले प्रभु.........
यु तो कितने हे दुनिया में दाता मगर,
कोई तुमसा दयालु और दानी नहीं,
भेद तेरी माया का पाया न कोई,
आजतक सुर असुर संत ज्ञानी कोई,
बस दया मुझपे हे मुरलीवाले रहे,
में कठिन दुःख में भी मुस्कुराता रहु,
हे तम्मन्ना यही खाटू वाले प्रभु.........
जिसको मेने दिल में बसाया सदा,
तुम वही दानी खाटू के श्री श्याम हो,
कष्ट भक्तो के हर लेने वाले प्रभु,
दिनों के बंधू दाता दयावान हो,
तुम सदा मुझको अपना समझते रहो,
फूल में सदा आंसुओ के चढ़ाता रहु,
हे तम्मन्ना यही खाटू वाले प्रभु.........
हे भरोसा बड़ा श्याम मुझको तेरा,
हे सिवा आपके कोई सहारा नहीं,
हाथ शर्मा का नाथ न छोड़ना ,
कोई तेरे सिवा अब हमारा नहीं,
अपर्णा चरणों की छाया में रखलो मुझे,
में सदा तेरी सेवा बजाता रहु,
हे तम्मन्ना यही खाटू वाले प्रभु.........