भोले नाथ सिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
मानु न थारी बात पी हर जावन दे,
सुन भोले जोगियां न घोटु तेरी भंगहिया,
गौरा तेरी मजबूर है,
भांग में घोटा लगा न सकू गी,
थक के होगी चूर मैं,
दुखे दोनों मेरे हाथ रे पीहर जावन दे,
भोले नाथ सिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
मानु न थारी बात पी हर जावन दे,
सुनले गोरा रानी करो न नादानी,
भांग को पीना जरूर है,
भांग बिना मैं रह न सकूगा भोला तेरा मझबूर है,
मेरी पूरी करदे मांग भांग मने पीवण दे,
भोले नाथ सिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
मानु न थारी बात पी हर जावन दे,
सुनो शिव रसियां ना छोड़ो गे भंगियाँ,
जाए गी गोरा तुम से दूर है,
मुँह मैं तुमसे मोड़ लुंगी किया नशा जो भरपूर है,
अब लेके गणेश को साथ पीहर जावन दे
भोले नाथ सिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
मानु न थारी बात पी हर जावन दे,
गोरा बात मान ले तू हाल मेरा जान ले भांग तो पीनी जरूर है,
आज ही पीयू गा भांग कल न पियुगा शर्त्त ये मंजूर है,
भांग पिए बिना बाये साँच भांग मने पीवण दे,
भोले नाथ सिया छोड़ो मोरी बहियाँ,
मानु न थारी बात पी हर जावन दे,