दिल दार यार पियारे, गलियों में मेरी आजा॥
नैना तरस रहे है मुखड़ा जरा दिखा या
सितम गरज तो मुझ को सताये चला जा,
पर मुकढा जरा सा दिखाये चला जा॥
नहीं पास आने को कहती हो तुझको,
पर अपना जरा सा बनाये चला जा,
दिल दार यार पियारे, गलियों में मेरी आजा,
की दम दा भरोसा है, गलियों में मेरी आजा,
मेरा यार बनके आजा,गलियों में मेरी आजा,
नैना तरस रहे है मुखड़ा जरा दिखा या
सब लोक लाज खोए, चुप चाप बैठ रोये
अपना नहीं है कोई,अपना मुझे बनाजा।
दिल दार................
कब तक बताओ पियारे, मन को रहो में मारे॥,
किस के रहो में सहारे, इतना मुझे बताजा।
दिल दार यार पियारे, गलियों में मेरी आजा,
इक वार देदो दर्शन दिल की है यह तमना॥,
कही दम निकल ना जाइए तेरा इंतजार करके॥
हरी जी मोरी अखियन आगे रहियो,
नाथ मोरी आख्यान आगे रखियो