दिल साई का मंदिर है,
जरा गौर से देखो,
बस सोच का चकर है जरा गौर से देखो,से
दिल साई का मंदिर है,
सागर में समा जाने को बेचैन बहुत जो हु,
वो खुद ही समुन्दर है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,
आया है जो इस बार मेरी चीख को सुन कर,
ओरो से वो हटकर है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,
देहलीज पे देखो तो सही कौन खड़ा है,
वो प्यासा है के बराई है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,
सीने से लगा रखा है हीरे की कनि को,
पत्थर है ये पत्थर है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,
बहार से भी लेता वो अंदर की तलाश,
बहार को भी बेहतर है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,
तुम जुलम को देखो तो कभी शोर न करना,
चुप रहना ही बेहतर है जरा गौर से देखो,
दिल साई का मंदिर है,