खाटू वाले तूने कैसा जादू किया,
कैसे बतलाऊ तूने क्या क्या दिया,
कैसे मैं करू तेरा शुकरियां,
खाटू वाले तूने कैसा जादू किया
जबसे चढ़ा है रंग तुम्हारा जब से चढ़ी है ये मस्ती
तब से बनी पहचान जगत में तबसे बनी मेरी हस्ती,
नाम तेरा जबसे ले लिया
खाटू वाले तूने कैसा जादू किया
जीते ते तो हम पहले भी थे पर ये ढंग नहीं था,
आती थी होली पहले भी लेकिन कोई रंग नहीं था,
जीवन में तूने रंग भर दिया,
खाटू वाले तूने कैसा जादू किया
तेरी किरपा से महक रही है जीवन की फूल वरि,
तेरे एहसान जो गिनने बेतहु उम्र कम पड़े सारी
खुशियों से मेरे घर भर दिया,
खाटू वाले तूने कैसा जादू किया
ओ मेरे बाबा तूने दिया जो नहीं था मेरे हक़ में,
मुझ निर्गुण का नाम लिखा है तूने आज फलक में,
सोनू को क्या से क्या कर दियां
खाटू वाले तूने कैसा जादू किया