कलियों मे राम मेरा किरणो मे राम है

कलिओं मे राम मेरा, किरणों मे राम है।
धरती गगन मे मेरे प्रभु का धाम है॥
कहाँ नहीं राम है…
प्रभु ही की धूप छाया, प्रभु की ही चांदनी।
लहरों की वीना मे है प्रभु जी की रागिनी॥
कहाँ नहीं लिखा मेरे रघुवर का नाम है॥

वहीं फूल फूल मे है, वहीं पात पात मे।
रहता है राम मेरा, सब ही के साथ मे॥
मेरा रोम रोम जिसको करता प्रणाम है॥

वो चाहे तो एक घडी मे चाल पवन की रुक जाए।
वो चाहे तो पल भर मे ही ऊँचा पर्वत घिस जाए॥
उस की दया दे पत्थर मे भी फूल रंगीला खिल जाए।
वो चाहे तो पथ भूले को राह सच की मिल जाए॥
उस की दया से बनता सब ही का काम है॥

श्रेणी
download bhajan lyrics (1083 downloads)