तुझे छोड़ कहा जाऊ,
मेरी आस तुहि तो है,
मैं पाउ ठिकाना कहा,
विश्वाश तुहि तो है,
जग वालो ने इतने दिए गम,
मुझपर ढाये हां इतने सितम,
करुणा कर अब खाटू वाले,
गिरते को तुहि संभाले,
सब दूर हुए अपने,
मेरे पास तू ही तो है,
आँखों से जो आस्क है बेह्ते,
मर ना जाऊ गम को सहते,
प्रेम तेरा मैं पाना चाहु,
सेवा में नित जाना चाहु ,
मेरी धरड़कन दिल भी तू,
मेरी सांस तुहि तो है,
दिल के टुकड़े टुकड़े हुए है
बहुत है गहरे जखम हारे है,
चोखानी को शरण लगा ले,
पवन को अपना दास बना ले,
क्या करना है कैसे करू,
ये आस तू ही तो है,