जग से हार गया जो खाटू में चले जाना,
जाकर मेरे श्याम प्रभु से तुम दिल का हाल बतलाना,
वो सुन लेगा क्या हाल तुम्हारा है,
वो हारे का सहारा है,
अब कोई दुखियाँ खाटू पहली वार है जाता,
चरणों में ना बिठाये वो सीधा गले लगाता,
जब जब संकट आये अपने होत पराये,
नहीं कोई तुम्हे समझता दुनिया तो हसी उड़ाए,
वो समजेगा क्या हाल तुम्हारा है,
वो हारे का सहारा है,
ना चढ़ते हीरे मोती ना भाये चांदी सोना,
भावो के दो आंसू से खाटू की चौकठ धोना,
बस एक पुकार पे वो तेरी वो दौड़ा चला आये,
भक्तो की आंख में आंसू मेरा श्याम न देख पाए,
वो समजे गा क्या हाल तुम्हारा है,
वो हारे का सहारा है,
दुखियो को जाते लेकर खाटू धाम,
करे बहादुर उनको हाथ जोड़ प्रणाम,
बस एक फ़र्ज़ है तेरा तुम अपना फ़र्ज़ निभाना,
तू भी किसी दुखराये को संग खाटू लेकर जाना,
संवारा तो प्यार का मारा है वो हारे का सहारा है,
वो हारे का सहारा है...