खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है,
सांस में एहसास मेरा और मेरा अभिमान है,
मेरे पिता वो है मेरी माँ वो,
उनमे मेरी जान है,
खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है,
लाख कोई कर ले सितम मैं न गबराता हु,
दुखो में भी तो मैं श्याम गन गाता हु,
वो मेरे रक्षक है शुभ चिंतक मेरे भगवान है,
खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है,
कभी कभी आंखे मेरी नम हो जाये,
सोचता हु मुझपे किरपा ये क्यों बरसाए,
कभी ये हसाये कभी ये रुलाये,
ये दया की खान है,
खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है,
ना कोई कमी रखी मेरे इस जीवन में,
मस्तियाँ का तूने पंकज श्याम जी के चरनन में,
कैसे बताऊ कैसे गिनाऊ,
कितने एहसान है,
खाटू के श्री श्याम प्रभु मेरी पहचान है,