हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,
आये जो दर पे तेरे,
मन की मुरादे पाते,
हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,
वृन्दावन वास तेरा सारी दुनिया तुझको जाने,
ब्रह्माण्ड के हो नायक श्री राधे के दीवाने,
नन्द बाबा है तिहारे यशोमत है तेरी माता,
हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,
कजरा रे तेरे नैना घ्याल करे सब को,
तेरी ये टेढ़ी चितवन पागल करे है मन को,
सावन ये रूप तेरा मन को है मेरे भाता,
हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,
श्यामा श्याम को जपु मैं ब्रज भूमि में आके,
हर सांस मेरी अर्पण करदु मेरी बांके,
अपना ये सारा जीवन अर्पित करू विधाता,
हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,
ये नरेश दास तेरा तेरी किरपा पे निर्भर,
जब संग पिया प्रीतम किस बात का हमे दर,
पारस ये तेरा पागल गन गान तेरा गाता,
हरिदास के बिहारी तुमसे न कोई दाता,