श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास,
हसरत से वो तुमको देखे करे येही अरदास,
श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास,
आंख से आंसू वो ढलकाये,
बात जिया की कह नहीं पाये,
कैसे बताऊ क्यों है उसका,
मनवा आज उदास,
श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास
फुरसत हो तो सुन ले अफसाना,
चोट जिगर की देख ले कान्हा,
जान के तुम को अपना बाबा,
आया तेरे पास,
श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास,
देख खड़ा है है एक सवाली आंख में आंसू दामन खाली,
गम के थपेड़े खा के हो गया सेवक आज हताश,
श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास
भीड़ पड़ी है पलक उठा वो,
मेरी और भी नजर घुमावो,
हर्ष सुना है कभी न लौटा,
दर कोई निराष,
श्याम तू क्या जाने खड़ा है कोने मैं एक दास