गली गली में धूम मची है बाला जी के नाम की,
बोलो जय बोलो जय जय सीता राम की,
गाँव गांव शहर शहर में नाम का डंका बाजे,
राम की चर्चा यहाँ यहाँ हो बजरंग वही विराजे,
कही खड़े है कही पड़े है कही है छवि परनाम की,
जय बोलो जय जय सीता राम की,
राजस्थान के मेहंदीपुर में धरके रूप निराला,
बाल रूप के दर्शन करके आप बन गए बाला,
यहाँ आरती करते भगता सुबह दोपहर शाम की,
जय बोलो जय जय सीता राम की,
चलो पराग यहाँ पे संगम नदियों का है प्यारा,
वह पड़े है रेत पे बजरंग जाने ये जग सारा,
रावण युग के बाद में क्यों की ईशा थी आराम की,
बोलो जय बोलो जय जय सीता राम की,
गोवर्धन की कर परिकर्मा मन के फूल खिले गए,
वहां भी दर्शन हनुमान के चारो और मिले गए,
त्रेता में श्री राम के सेवक द्वापर मुरली श्याम की,
बोलो जय बोलो जय जय सीता राम की,
नगर कानपूर का है चर्चित पनकी धाम है निराला,
पंच मुखी बन कर के बैठा यह पे अंजनी लाला,
मन ईशा फल पाता परनि गा कर महिमा नाम की,
बोलो जय बोलो जय जय सीता राम की,
वर्ण वर्ण किया वा अध्भुत पिली काली बूरी,
लेकिन बहुत चर्चित है वीरगे सूंदर लाल सिंधुरी,
भक्तो को सब सुख देते है बात बेधड़क काम की,
बोलो जय बोलो जय जय सीता राम की,