नाच रहे छमा छम नाच रहे हनुमान,
हाथो में कड्ताल वाजे सीने में साईं राम,
नाच रहे हनुमान......
राम नाम की धुन पे नाचे राम नाम मतवाला,
पाओ में घुन्गुरु छम छम बोले जपे राम की माला,
रोम रोम में राम समाये करे राम का ध्यान,
नाच रहे हनुमान......
बल बुधि विद्या के दाता शंकर के अवतारी,
राम चरण की सेवा इनको अपनी जान से प्यारी,
एसा सेवक हुआ ना होगा डुंडा सकल जहान,
नाच रहे हनुमान......
रंग सिंधुरी प्यारा लागे शीश मुक्त है निराला,
जब जब संकट आया इसने धरा रूप निराला,
लाल लंगोटा हाथ में सोटा इतनी है पहचान,
नाच रहे हनुमान......
अपने भक्तो की हनुमत ने बात कभी ना ताली,
जिस पे इनकी दया हो जावे उसकी रोज दिवाली,
नाम जपे जो इनका नरसी मिटते कष्ट तमाम,
नाच रहे हनुमान......