गणपति तेरे चरणों की यदि धुल जो मिल जाये
सच कहता हु मेरी किस्मत ही बदल जाये
ये मन बड़ा चंचल है कैसे तेरे भजन करू,
जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए
नजरो से गिराना ना, चाहे जो भी सजा देना
नजरो से जो घिर जाए, मुश्किल है संभल पाए
गणपति इस जीवन की बस एक तम्मना है
तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाए