कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
सात छेद सात रस सातों भेद रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
कभी बोले सारेगामा कभी बोले मागरेस,
कभी बोले सुन राधा कभी बोले सुन मीरा,
कभी बोले गीता कभी चारो वेद रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
कोई कहे कान्हा तोहे कोई नंदलाला,
कोई कहे नटवर कोई गोपाला,
कोई गिरधारी कोई काला मेघ रे,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
भक्त सुदामा के पॉव पखारे,
और सत्यभामा के तुलसी पे हारे,
कंस के काल पुत्र बासुदेव के ,
कन्हैया तोरी बंशी में सात छेद रे,
8421815181