जगदम्बे चोला मेरा रंग दे रंग दे ऐसे रंग में,
उतरे ना जीवन भर भर रंग ऐसा जीवन में,
जिस रंग में ध्यानु ने रंगाया,
पहन के चोला धान लगाया,
चरणों में तेरे शीश चढ़ाया,
हर पल तेरा ही गन गया,
ऐसे ही तेरे गन गाउ होके मस्त मगन मैं,
उतरे ना जीवन भर भर रंग ऐसा जीवन में,
भगत बहोरा का चोला रंगावा,
रंग जिसका फीका पड़ा न,
पहन के जिसको पार लगाम,
सोया उसका भाग जगावा,
तुझ जैसा रंग रेज भवानी और ना कोई जग में,
उतरे ना जीवन भर भर रंग ऐसा जीवन में,
न मांगू मैं सोना चांदी,
ना मांगू मैं हीरा मोती,
मेरे मन मंदिर में मैया जलती रहे तेरी भक्ति की ज्योति,
बन के ढोल लिपट जाऊ मैं,
माँ तेरे चरनन में,
उतरे ना जीवन भर भर रंग ऐसा जीवन में,