श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल,
ओ मेरे गिरधारी की बंसी बड़ी कमाल,
श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल,
इस बंसी की सुन लो भगतो शान है अजब निराली,
प्रभु प्रेम दा इस विच सिमरन भव तो तारन वाली,
एह बंसी है बड़ी अनोखी,
गुण ने इस दे विशाल,
श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल
जंगल दे विच मंगल करदी प्रभु तराने गावे,
नर नारी दी गल ही छडो मोर भी पहला पावे
भगता दे एह मन विच वसदी सदा रहे दयाल,
श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल
इस बंसी दी तान नु सुन के राधा होई दीवानी,
सूरदास मीरा नी गई मीठी प्यारी वाणी,
जो भी सुंडा इस बंसी नु,
होर जाये भाव तो पार,
श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल
इस बंसी दे वारे जावा नाल मोहन दे रेह्न्दी,
हर वेले ही दर्शन करदी नाल ही उठदी बेह्न्दी,
इस बंसी दी जग विच लोको, नही कोई मिसाल,
श्याम मुरारी की बंसी बड़ी कमाल