जे श्यामा तू मेरी तोर वेखनी,
पीछे पीछे यमुना दे आंदा या मेरे नैना नाल नैन मिलांदा जा,
पी पी करे पपीहा बोले,
कुकड़ कूकडू कु,
बोली मैं पावा नच ले गिधे विच तू,
मुख मोड़ नहीं गया दिल तोड़ नि गया,
चढ़ गोकुल न मथुरा च तोड़ नहीं गया,
दूध देन वाली गा छड़ कदम दी छा,
छड़ मानु मामे वाल झट तोड़ नि गया,
कान्हा नन्द किशोर आवे पेहला पावन मोर,
साढ़े दिल न चुराके लै गया चितचोर,
पिंडा विचो पिंड सुनी दा बरसाना जिथे वसदी राधा रानी,
जिथे वसदी राधा रानी पार किसे ने नि पाना ठाकुर सेवा ले लाभदे रोज बहाना,