सुन मनमौजी सांवरियां.
तू तो बेठियो हुकम चलावे,
कानुड़ा नखरा घना दिखावे
तेरी मेरी कइया निभ सी,
छप्पन भोग छति सो व्यंजन वो भी लागे थोडो,
सब जानू सांवरिया तू है स्वाद को घणो चिटोरो,
ढूंढे है तू स्वाद नया तू तो बेठियो हुकम चलावे,
कानुड़ा नखरा घना दिखावे
तेरी मेरी कइया निभ सी,
रंग बिरंगा बागा पहने नित शृंगार करावे,
इक वार भी सांवरियां क्यों मन में तेरे ना आवे,
क्यों तू जरा खर्चा घना
तू तो बेठियो हुकम चलावे,
कानुड़ा नखरा घना दिखावे
तेरी मेरी कइया निभ सी,
सेवा कहल तेरा हुकम चलाने सब कुछ न्यारो लागे,
म्हाने तेरा लटका झटका नखरा प्यारा लागे,
मर्जी जितनी नखरो दिखा तू तो बेठियो हुकम चलावे,
कानुड़ा नखरा घना दिखावे
तेरी मेरी कइया निभ सी,