तूने इतना दिया बनवारी ओ बांके बिहारी,
मैं तो माला माल हो गया,
मैंने माना के मैं तो गुनहगार हु,
काम नेकी का कोई किया ही नही,
आप फिर भी सहारा दिए जा रहे,
किनारा दिए जा रहे के मैं तो मालो माल हो गया,
तेरी रहमत के चर्चे सुने है बहुत,
गम के मारे खुश हुए है बहुत,
तूने तारा है सारा ज़माना के मैं तो माला माल हो गया,
दासी प्यारी पे किरपा ये करना,
हाथ दया का सिर पे धरना मुझे दर्शन देयो गिरधारी,
ओ बांके बिहारी के मैं तो मालो माल हो गया,
तूने इतना दिया बनवारी ओ बांके बिहारी,
मैं तो माला माल हो गया,