तर्ज » सोजा मेरे लाल
झूलो घाल्यो कानुड़ा लकड़ी को बनाये
आजा मेरे कानुड़ा तन झूलो देवा झूलाये
बड़े प्यार से कान्हा यों तो झूलो है बनवायो
खाती न कहकर मै तो हीरो थो लगवायो
झूलो घाल्यो कानुड़ा लकड़ी को बनाये
मुरली वाला सुन लो या म्हारी अर्जी
झूलो या ना झूलो माधव थारी मर्जी
झूलो घाल्यो कानुड़ा लकड़ी को बनाये
झूला झुलाकर थाने कान्हा कुछ पुण्य कमाऊं
मेरे पाप की पोटली में कुछ हल्की कराऊं
झूलो घाल्यो कानुड़ा लकड़ी को बनाये
गोकुल वाला हो थे कृष्णा दौड़े आ जाना
आकर के इस लकी को गले लगा जाना
झूलो घाल्यो कानुड़ा लकड़ी को बनाये
Lyrics - । ucky Shuk। a