करुणा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं,
देव ऋषि मुनि गावैं,
ब्रह्मा शिव हिंय धरि ध्यावैं,
वेद पुराण कान्हा जगत क दाता हयीं,
करुणा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं.....
त्रेता क राम हयीं रऊआं,
द्वापर क श्याम हयीं रऊआं,
श्री भगवान कान्हा जगत क दाता हयीं,
करुणा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं....
दीनन क दीन बंधू,
भक्तन क कृपा सिंधू,
कृपा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं,
करुणा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं.....
नईया प्रभु पार लगावँ,
सब पर कृपा बरसावँ,
अद्भुत महान कान्हा जगत क दाता हयीं,
करुणा निधान कान्हा जगत क दाता हयीं ....
आभार: ज्योति नारायण पाठक