ओ मेरे रास बिहारी मेरे गिरवर धारी,
मेरे बांके बिहारी श्याम श्याम तुम शामल ही रहियो
श्याम रंग दूजा ना ही भाये श्याम छवि निरथ निरथ हर्षाये,.
श्याम तू नैनं में बस जाए,
मेरे कुञ्ज बिहारी मैं तो तन मन हारी
मेरे बांके बिहारी श्याम श्याम तुम शामल ही रहियो
श्याम तू सपनो में क्यों आये
क्यों यमुना तट पे रास रचाये,
किशोरी देख देख मुस्काये
मेरे नटखट बिहारी मैं तो जागी सारी
मेरे नन्द लाला घनश्याम श्याम तुम शामल ही रहियो
श्याम छवि नैनं में बस जाए श्याम तू मुरली मधुर भाज्ये,
श्याम सूंदर ब्रिज रस बरसाए
मेरे राधा यु के प्यारे मेरे यशोदा दुलारे मेरे गिरधारी गोपाल,
श्याम तुम नैनं में रहियो